मंगलवार, 29 जून 2010

"मैं अकेला हूँ " यह हमारे समाज के पतन का कारण है |आत्मविश्वास से कहो " हम पैंतीस करोड़ हैं , मैं अकेला नहीं हूँ" |

मैं नहीं हम
मेरी सम्पति तो संघ ही है

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